"दीवाली की पूर्व संध्या पर"

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 "जलते मन में दीप असंख्यक,   समझो    तब     दीवाली   है!   नहीं     तो    निर्जन - सन्नाटा,   यह  रात  अमावस  काली है !!   ...

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